Wednesday 25 May 2016

Billi Jer (Cats Chord)

इछचाये अपने आप पूरी हो जाती है Billi Jer (Cats Chord) से अगर व्यापार न चल पा रह हो यां जीवन में उन्नति न हो पा रही हो ,कई बार इर्षा के कारण कुछ लोग तंत्र प्रयोग कर देते हैं जिससे दूकान में ग्राहक नहीं आते यां कार्य सफल नहीं होते. इसलिए एक और प्रयोग दे रहा हूँ इन परस्थितियों में यह प्रयोग राम बाण की तरह असर करता है. बुधवार के दिन Billi Jer (Cats Chord) को स्थापित कर दें . इसपर कुमकुम या केसर का तिलक लगाये. और निम्न मंत्र का जप आसन में बैठ कर करें. ॐ नमो भगवती पद्मा श्रीम ॐ हरीम, पूर्व दक्षिण उत्तर पश्चिम धन द्रव्य आवे , सर्व जन्य वश्य कुरु कुरु नमः अगर दूकान न चल रही हो तो दूकान में किसी सुरक्षित स्थल में रख दे. इस प्राथना को करने वाले को कभी धन की याचना नहीं करनी पड़ती अपितु धन उसकी और स्वयं ही आकर्षित होता रहता है और धन-सम्पति, वशीकरण, शत्रु शमन मे व्यक्ति सशक्त हो जाता है l जिस व्यक्ति के पास यह होती है l उसे किसी बात कि कमी नहीं होती l उसकी लगभग सभी इछचाये पूर्ण हो जाती है ... यदि आप लगातार कर्जों से परेशान हों या व्यवसाय में बाधा आ रही हो, या किसी भी प्रकार आय में वृद्धि नहीं हो पा रही हो, तो एक Billi Jer (Cats Chord) रख लें व प्रत्येक पुष्य नक्षत्र में सिंदूर चढ़ाते रहें। ऐसा करने से आप की उपर्युक्त सभी समस्याएं दूर हो जाएंगी व शीघ्र ही फल की प्राप्ति होगी। और व्यवसाय बढ़ने लगेगा , अगर नौकरी में है तो तरकी का मार्ग बनेगा. इसे घर में रखने से सकारात्मक उर्जा का अनुभव होता है ! Contact For Buy : +91 9896153833

Tuesday 3 May 2016

एक बड़ी गहन भ्रांति है कि हर आदमी यही सोचे चला जाता है कि दूसरे मरते हैं, मैं नहीं मरूंगा। तुमने महाभारत की कथा तो सुनी है न, कि पांडव प्यासे हैं, जंगल में भटक गए हैं। और एक झील पर पानी भरने पांच भाइयों में से एक भाई गया है। और जैसे ही झुका है पानी पीने को और पानी भरने को, एक यक्ष वृक्ष पर से आवाज दिया: रुक, या तो मेरे पांच प्रश्नों का उत्तर दे, या अगर पानी छुआ तो मौत घट जाएगी। मेरे पांच प्रश्नों का पहले उत्तर चाहिए। अगर ठीक उत्तर दिया तो ठीक, नहीं तो मृत्यु परिणाम होगा।

पहला भाई इस तरह गिर गया, उत्तर नहीं दे पाया और पानी पीने की कोशिश की; प्यास ऐसी थी। दूसरा भाई और वही, तीसरा भाई और वही...। और अंत में युधिष्ठिर आए--चारों भाई कहां खो गए? देखा, चारों की लाशें पड़ी हैं झील के तट पर। चारों ने जिद्द की, उत्तर नहीं दे पाए फिर भी पानी पीने की जिद्द की। युधिष्ठिर झुके, यक्ष फिर बोला...। उसमें एक प्रश्न आज के काम का है; सारे प्रश्न अर्थपूर्ण थे, मगर एक प्रश्न यह था कि संसार में सबसे बड़ा आश्चर्य क्या है? युधिष्ठिर ने कहा: सबसे बड़ा आश्चर्य यही है कि हम रोज लोगों को मरते देखते हैं, फिर भी यह भरोसा नहीं आता कि मैं मरूंगा!

यह ठीक उत्तर था। सबसे बड़ा आश्चर्य ताजमहल नहीं है, और सबसे बड़ा आश्चर्य इजिप्त के पिरामिड नहीं हैं, और न बेबीलोन का उलटा लटका हुआ गार्डन और न अलेग्जेन्ड्रिया का लाइट हाऊस। ये चमत्कार नहीं हैं, ये बड़े आश्चर्य नहीं हैं। सबसे गहन आश्चर्य यह है कि रोज मरते देखकर भी, रोज लोगों को मरते देखकर, रोज मृत्यु के प्रमाण देखकर भी यह भरोसा आता ही नहीं कि मैं मरूंगा! भरोसे की बात--यह प्रश्न ही नहीं उठता कि मैं मरूंगा। मन कहे चला जाता है, जैसे सदा कोई और मरता है, दूसरा मरता है।